सामाजिक >> अंधी गली अंधी गलीअखिल मोहन पटनायक
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साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत ओड़िया कहानी-संग्रह
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
चारों ओर काफी अँधेरा है। ट्रेन के सभी यात्री सो रहे हैं। इसलिए कहीं से भी कोई आवाज नहीं आई। मद्रास स्टेशन अभी और तीन मील दूर है।
कम्पार्टमेंट का दरवाजा खोलकर क्षितीश, समीर का हाथ पकड़े हुए धीरे-धीरे नीचे उतर आया। ट्रेन के पीछे की ओर से कोई व्यक्ति एक लाइट लिये हुए ट्रेन के पास-पास चलते हुए आगे की ओर जा रहा था। क्षितीश और समीर बाहर के अँधेरे में समा गए।
कुछ दूर जाने के बाद दोनों मित्रों ने फिर एक बार पीछे मुड़कर देखा। ट्रेन के थके हुए इंजन के काले-काले धुएँ से आकाश को ढक लिया है। सीटी बजाती हुई ट्रेन ने चलना शुरु किया - आहिस्ता-आहिस्ता - मानों कोई अजगर किसी बड़े जानवर को निगलने के बाद चल नहीं पा रहा हो।
मद्रास स्टेशन के बाहरी सिगनल पर हरी बत्ती जल रही है - लाल नहीं।...
कम्पार्टमेंट का दरवाजा खोलकर क्षितीश, समीर का हाथ पकड़े हुए धीरे-धीरे नीचे उतर आया। ट्रेन के पीछे की ओर से कोई व्यक्ति एक लाइट लिये हुए ट्रेन के पास-पास चलते हुए आगे की ओर जा रहा था। क्षितीश और समीर बाहर के अँधेरे में समा गए।
कुछ दूर जाने के बाद दोनों मित्रों ने फिर एक बार पीछे मुड़कर देखा। ट्रेन के थके हुए इंजन के काले-काले धुएँ से आकाश को ढक लिया है। सीटी बजाती हुई ट्रेन ने चलना शुरु किया - आहिस्ता-आहिस्ता - मानों कोई अजगर किसी बड़े जानवर को निगलने के बाद चल नहीं पा रहा हो।
मद्रास स्टेशन के बाहरी सिगनल पर हरी बत्ती जल रही है - लाल नहीं।...
- इसी पुस्तक से
अखिल मोहन पटनायक (1927-92) खुर्दा, ओड़िशा में पैदा हुए। बी.ए. एवं एल.ए. बी. की उपाधि प्राप्त करने के बाद फ़ौजदारी वकील के रूप में अपना कार्य-जीवन प्रारम्भ किया। लेखन, रंगमंच एवं सांस्कृतिक मंचों पर सक्रियता से भाग लिया। अपनी युवावस्था में एक ओजस्वी वक्त के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित कर ली थी, जिसके लिए उन्हें कई पदक प्राप्त हुए। वे जनता, रंगमंच और कच्छप नाट्य आंदोलन के अध्यक्ष रहे। उन्होंने परंपरागत एवं प्रगतिशील दोनों ही क्षेत्र में योगदान किया और समर्पित रंगकर्मियों को इस कार्य में सम्मिलित किया। (स्व.) पटनायक की रुचियों में देश-विकास का भ्रमण विशेष उल्लेखनीय है। उनके साहित्य में सामाजिक परिवेश का विशेष अंकन देखा जा सकता है।
अखिल मोहन पटनायक की प्रकाशित कृतियों में ‘झड़ेर इगाल ओ धरणीर कृष्णसार’ (कहानी-संकलन), ‘प्रथम ओ शेष’ (कहानी-संकलन), ‘अनागत फाल्गुनो’ (पत्र-संग्रह), ‘अन्य देश’ (यात्रा-वृत्तान्त), ‘नदीरनाम गणतन्त्र’ (काव्य-संकलन), ‘प्रिसिंस खेरी’ (अंग्रेजी उपन्यास) का विशेष उल्लेख है।
अखिल मोहन पटनायक की प्रकाशित कृतियों में ‘झड़ेर इगाल ओ धरणीर कृष्णसार’ (कहानी-संकलन), ‘प्रथम ओ शेष’ (कहानी-संकलन), ‘अनागत फाल्गुनो’ (पत्र-संग्रह), ‘अन्य देश’ (यात्रा-वृत्तान्त), ‘नदीरनाम गणतन्त्र’ (काव्य-संकलन), ‘प्रिसिंस खेरी’ (अंग्रेजी उपन्यास) का विशेष उल्लेख है।
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